Cancer एक ऐसी बीमारी है जिसके पता चलने पर इंसान सारी उम्मीद छोड़ देता है । एस नहीं है की कैंसर का इलाज नहीं है पर इलाज का खर्च हर इंसान नहीं उठा सकता है । लेकिन अब हमरे देश के अंदर होगा दुनिया का सबसे सस्ता काँसेर का इलाज । जी हा हमारे देश की जानी मानी रेसर्च इंस्टिट्यूट [Tata Institute] ने ये कारनामा कर दिखाया है ।
TISS के डॉक्टर्स ने कई साल के रिसर्च के बाद आज एसी tablet बनाई है जो मात्र 100 रुपए में कैंसर का इलाज करने मे बहुत कारगर है । पहले इस दवाई का टेस्ट चूहों पे किया गया फिर नतीजा अच्छा आने पर अब इसे इंसानों के लिए उपयोग किया जाएगा । यह टैबलेट न सिर्फ Cancer को ठीक करेगी बल्कि treatment मे होने वाले radiations से 50 प्रतिशत बचाव भी करेगी ।
Cancer के बारे मे doctors का क्या कहना है :
टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉ. राजेंद्र बादवे, जो अनुसंधान समूह का हिस्सा थे, ने कहा, “मानव कैंसर कोशिकाएं इन रैटों में प्रत्योगिता के लिए डाली गई थीं, जिनमें एक ट्यूमर बन गया। फिर इन रैटों का इलाज रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी और सर्जरी से किया गया। पाया गया कि जब ये कैंसर कोशिकाएं मर जाती हैं, तो वे छोटे टुकड़ों में टूट जाती हैं, जिन्हें क्रोमेटिन कण कहा जाता है। ये कण रक्तसंचार के माध्यम से शरीर के अन्य अंगों तक यात्रा कर सकते हैं और जब वे स्वस्थ कोशिकाओं में प्रवेश करते हैं, तो वे उन्हें कैंसरी बना सकते हैं।
क्या यह tablet मार्किट में आ चुकी है :
यह दवाई अभी कुछ और टेस्टिंग के बाद जब FSSAI द्वारा अप्रूव्ड हो जाएगी तो जाके मार्किट मे आ सकती है । यह टैबलेट इस साल मई या जुलाई तक आ जाएगी । फिर हर व्यक्ति जो कैंसर से पीड़ित है वो अपना इलाज कर पाएगा ।
आखिर कैसे करती है ये टैबलेट काम:
डॉ. बादवे ने NDTV को बताया, ‘डॉक्टर्स ने रैट्स को प्रो-ऑक्सीडेंट गोलियाँ रेज़वेरेट्रॉल और कॉपर के साथ (आर + सीयू) दीं।’ आर + सीयू ऑक्सीजन रेडिकल उत्पन्न करते हैं, जो क्रोमेटिन कणों को नष्ट करते हैं।’आर + सीयू’ को मुख के माध्यम से लिया जाता है, जो पेट में ऑक्सीजन रेडिकल उत्पन्न करते हैं, जो त्वरित रूप से अवशोषित होते हैं और रक्त संचार में प्रवेश करते हैं। ये ऑक्सीजन रेडिकल संचार में उत्पन्न हुए cfChP को नष्ट करते हैं और ‘मेटास्टेसिज’ – एक शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में कैंसर कोशिकाओं की चलन को रोकते हैं। शोधकर्ताओं ने दावा किया कि आर + सीयू की वारदात को रोकता है।
क्या इस tablet के कोई side effects तो नहीं है :
प्रतिकूल प्रभावों का प्रभाव दोनों रैट्स और मानवों पर टेस्ट किया गया, लेकिन निवारण परीक्षण केवल चूहों पर किया गया था। इसके लिए मानव परीक्षण को पूरा करने में लगभग पांच वर्ष लगेंगे। इस अनुसंधान के दौरान चुनौतियाँ थीं, बहुत से लोगों को यह व्यर्थ समय और धन का खर्च माना गया। लेकिन आज, सभी खुश और उत्साहित हैं। यह एक बड़ी सफलता है।
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